
स्वास्थ्य विभाग ने अवैध अस्पताल बंद करा दिया तो पीछे से रास्ता बना लिया। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रसव कराते हुए दंपती को पकड़ा। कर्मचारी फरार हो गए। टीम ने प्रसूता को सीएचसी में रेफर कर अस्पताल को फिर से बंद करा दिया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर थाने में दी है।
*बंद कराया गया था ये हॉस्पिटल*
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शमसाबाद स्थित न्यू राधिका हॉस्पिटल को बीती 21 अगस्त को अवैध रूप से संचालित पाए जाने पर बंद करा दिया गया था। मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसकी पुलिस जांच भी कर रही है। मामले में बुधवार को टीम के बयान भी हुए थे।
*मुखबिर से मिली सूचना*
शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिली कि अस्पताल में पीछे गुप्त रास्ता बनाकर प्रसव कराए जा रहे हैं। इस पर टीम ने पुलिस को जानकारी दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत को फर्जी बता दिया। इस पर फिर मुखबिर का फोन आया और कहा कि प्रसव हो रहा है, आ जाइए रंगेहाथ पकड़ लो।
*बगल की दुकान से बनाया रास्ता*
नोडल प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानियां और जगपाल चाहर को भेजा। टीम पीछे की ओर गई तो बगल की दुकान से रास्ता कर रखा था, पूर्व में इस दुकान में एटीएम संचालित होता था। अंदर संचालक भूपेंद्र चैंबर में बैठा मिला। पूछताछ करने पर उसने बताया कि पत्नी प्रसव करा रही है। कहा कि जब अस्पताल बंद है और मुकदमा दर्ज है तो फिर क्यों प्रसव करा मरीजों की जान से खेल रहे हो, इस पर वह कुछ जवाब नहीं दे पाया। मेडिकल वेस्ट, दवाएं समेत अन्य साक्ष्यों की रिपोर्ट बनाकर विवेचक को सौंपी हैं, मुकदमा में धाराएं बढ़वाई जाएंगी।
*तीन हजार रुपये जमा और 10 हजार प्रसव के बाद में*
सीएमओ ने बताया कि पूछताछ में प्रसूता का नाम कुमकुम पत्नी छोटू निवासी हुमायूंपुर शमसाबाद बताया गया। उसके परिजन ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर सुबह अस्पताल में भर्ती कराया। एक परिचित के जरिए यहां लेकर आए, बताया कि सस्ते में प्रसव हो जाएगा। परिजन ने बताया कि 3 हजार रुपये जमा कर लिए और 10 हजार रुपये बकाया थे।
*टीम को देख कमरा अंदर से किया बंद*
सीएमओ ने बताया कि टीम का छापा पड़ने पर स्टाफ में भगदड़ मच गई। स्टाफ ने प्रसव कक्ष को अंदर से बंद कर लिया। दरवाजा खोलने के लिए खटखटाते रहे, लेकिन नहीं खोला। गर्भवती की जान का खतरा देख एंबुलेंस भी बुला ली, लेकिन प्रसव कराने के बाद ही दरवाजा खोला। प्रसूता ने बेटे को जन्म दिया है। दोनों को तत्काल सीएचसी भेजा है
